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परिचय
भौतिकी में गति का विश्लेषण करते समय यह जानना ज़रूरी है कि हम किस संदर्भ फ्रेम से मापन (observation) कर रहे हैं। दो प्रमुख श्रेणियाँ हैं — जड़त्वीय फ्रेम (Inertial Frame) और अजड़त्वीय फ्रेम (Non-Inertial Frame)। जब फ्रेम स्वयं accelerating होता है तब हमें कुछ अतिरिक्त बलों — जिन्हें हम काल्पनिक बल कहते हैं — को ध्यान में रखना पड़ता है ताकि न्यूटन के नियम काम करें। नीचे सरल भाषा, समीकरण और व्यवहारिक उदाहरण दिए गए हैं ताकि अवधारणा पूरी तरह स्पष्ट हो जाए — परीक्षा और वास्तविक जीवन दोनों के नजरिये से।
जड़त्वीय फ्रेम (Inertial Frame)
जड़त्वीय फ्रेम वह फ्रेम है जिसमें न्यूटन का पहला नियम (Law of Inertia) लागू होता है: यदि किसी वस्तु पर resultant बाह्य बल शून्य है तो वह या तो स्थिर रहेगी या समान वेग से सीधी रेखा में गति करेगी। गणितीय रूप में न्यूटन का दूसरा नियम इस फ्रेम में सीधे लिखा जाता है:
\[ \vec{F} = m\vec{a} \]
दैनिक जीवन में लगभग जड़त्वीय फ्रेम: लंबी दूरी की ट्रेन जब समान गति से चल रही हो; अन्तरिक्ष में दूर किसी गुरुत्व प्रभाव के उपकरण (approx).
अजड़त्वीय फ्रेम (Non-Inertial Frame)
यदि आपका फ्रेम स्वयं त्वरण (acceleration) कर रहा है — रैखिक या rotational — तो वह अजड़त्वीय फ्रेम कहलाता है। उदाहरण: तेज़ गति से ब्रेक लगाने वाली बस में बैठा यात्री, घूमते घोड़े (carousel), पृथ्वी का घूर्णन (आंशिक) इत्यादि। ऐसे फ्रेम में सत्यापन करने के लिए हम काल्पनिक बल जोड़ते हैं ताकि स्थानीय पर्यवेक्षक के लिए गति-नियम लागू रहें।
काल्पनिक बल (Fictitious Force) — परिभाषा एवं प्रकार
काल्पनिक बल वे बल हैं जिनका कोई भौतिक स्रोत नहीं होता; ये सिर्फ़ उस पर्यवेक्षक के संदर्भ-फ्रेम (जो accelerating है) के कारण दिखाई देते हैं। प्रमुख प्रकार:
- रैखिक काल्पनिक बल: फ्रेम के रैखिक त्वरित होने पर \(\vec{F}_{\text{fict}}=-m\vec{a}_{\text{frame}}\)
- केंद्रीय/विषमूल्य बल (Centrifugal Force): घूर्णन फ्रेम में बाहर की ओर लगता है — magnitude \(m\omega^2 r\)
- कोरिओलिस बल (Coriolis Force): घूर्णन फ्रेम में गति करने वाली वस्तु पर लगता है — \(\vec{F}_{\text{Coriolis}} = -2m(\vec{\omega}\times\vec{v}')\)
कोरिओलिस बल - यूलर बल (Euler Force): जब कोणीय वेग बदल रहा हो (angular acceleration) तब उत्पन्न होता है।
गणितीय रूप और समीकरण (Math)
यदि फ्रेम का त्वरण \(\vec{a}_{f}\) हो और असली (real) बलों का जोड़ \(\vec{F}_{\text{real}}\) हो, तो उस फ्रेम में पर्यवेक्षित त्वरण \(\vec{a}_{\text{obs}}\) के लिये न्यूटन जैसा समीकरण बनता है:
\[ \vec{F}_{\text{real}} + \vec{F}_{\text{fict}} = m\vec{a}_{\text{obs}} \quad\text{जहाँ}\quad \vec{F}_{\text{fict}} = -m\vec{a}_{f} \]
घूर्णन फ्रेम के लिये मुख्य समीकरण (सभी वास्तविक व काल्पनिक बल जोड़कर): \[ \vec{F}_{\text{real}} - m\vec{a}_{f} - 2m(\vec{\omega}\times\vec{v}') - m(\vec{\omega}\times(\vec{\omega}\times\vec{r}))= m\vec{a}' \] यहाँ क्रमशः Euler (यदि applicable), Coriolis, और Centrifugal terms दिखाई दे रहे हैं; \(\vec{a}'\) वह त्वरण है जो rotating observer नापता है।
Solved Examples (स्टेप-बाई-स्टेप)
Example 1: Centrifugal Force की गणना
प्रश्न: एक वस्तु का द्रव्यमान \(m=2.0\ \mathrm{kg}\) है। वह किसी घूर्णन प्लेट के ऊपर \(r=0.5\ \mathrm{m}\) की दूरी पर स्थित है। प्लेट का कोणीय वेग \(\omega=4.0\ \mathrm{rad/s}\) है। Centrifugal (केंद्रपसारक) बल का मान निकालिए।
हल (Step-by-step):
- सूत्र: \(F_{\text{centrifugal}} = m\omega^2 r\).
- पहले \(\omega^2\) निकालें: \(\omega^2 = 4.0 \times 4.0 = 16.0.\)
- अब \(m\omega^2 = 2.0 \times 16.0 = 32.0.\)
- अंत में \(F = 32.0 \times r = 32.0 \times 0.5 = 16.0\ \mathrm{N}.\)
उत्तर: \(F_{\text{centrifugal}} = 16.0\ \mathrm{N}.\)
Example 2: Coriolis Force का सरल अंकगणित
प्रश्न: एक वस्तु का द्रव्यमान \(m=0.5\ \mathrm{kg}\) है और यह घूर्णन प्लेट पर रेडिएली बाहर \(v' = 1.0\ \mathrm{m/s}\) की गति से निकल रही है। प्लेट का \(\omega = 2.0\ \mathrm{rad/s}\)। Coriolis बल का परिमाण निकालिए (magnitude)।
सूत्र: \(F_{\text{Coriolis}} = 2 m \omega v'\) (परिमाण के लिये)।
- पहले \(2 m = 2 \times 0.5 = 1.0.\)
- अब \(1.0 \times \omega = 1.0 \times 2.0 = 2.0.\)
- अंत में \(2.0 \times v' = 2.0 \times 1.0 = 2.0\ \mathrm{N}.\)
उत्तर: \(F_{\text{Coriolis}} = 2.0\ \mathrm{N}.\)
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि centrigual और coriolis बलों का परिमाण सीधे दिये गए \(m,\ \omega,\ r,\ v\) पर निर्भर करता है। परीक्षा में ऐसे stepwise उत्तर देना अच्छा माना जाता है।
इंटरएक्टिव सिमुलेशन (Inertial ↔ Rotating Toggle)
नीचे का सिमुलेशन आपको दोनों दृष्टिकोण दिखाएगा: Inertial observer (लाल ट्रेल) और Rotating observer (नौट-आउट) — टॉगल से बदलें और ω, object speed बदलें। ट्रेल से कोरिओलिस प्रभाव स्पष्ट दिखेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. पृथ्वी हमारे लिए जड़त्वीय फ्रेम क्यों माना जाता है?
व्यावहारिक गणनाओं में पृथ्वी को लगभग जड़त्वीय माना जा सकता है क्योंकि उसकी घूर्णन/परिक्रमा का प्रभाव अक्सर बहुत छोटा रहता है; पर सटीक नौवहन या मौसम विज्ञान में पृथ्वी के घूर्णन के कारण कोरिओलिस प्रभाव को शामिल किया जाता है।
2. काल्पनिक बल क्या वास्तविक अनुभव है?
अनुभव वास्तविक होता है (जैसे बस रुकने पर पीछे धकेलना), पर वह किसी बाहरी बल के कारण नहीं, बल्कि आपके फ्रेम के त्वरण के कारण होता है — इसलिए इसे काल्पनिक (fictitious) कहा जाता है।
3. JEE/NEET में किस प्रकार के सवाल आते हैं?
अक्सर questions revolve around applying Newton's laws in non-inertial frames, adding fictitious forces (centrifugal/coriolis) and solving for equilibrium or motion. Step-by-step calculation and clear vector handling important.
सारांश
- जड़त्वीय फ्रेम में न्यूटन के नियम सीधे लागू होते हैं।
- अजड़त्वीय फ्रेम में पर्यवेक्षक को काल्पनिक बल जोड़ने पड़ते हैं ताकि नियम काम करें।
- Centrifugal व Coriolis effects का प्रयोग मौसम विज्ञान, इंजीनियरिंग और नेविगेशन में महत्वपूर्ण है।
- सोल्व्ड उदाहरणों से आपने देखा कि कैसे सरल अंकगणित और सूत्र मिलकर उत्तर देते हैं — परीक्षा में यही तरीका रखें।
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